भारत में दोपहिया वाहन खरीदने वालों के लिए बड़ी खबर आई है। सरकार ने New GST Rates on bikes लागू कर दिए हैं, जिससे अब कम इंजन वाली बाइक और स्कूटर पहले से सस्ते हो जाएंगे। वहीं, प्रीमियम और हाई-CC बाइक्स की कीमतें बढ़ने वाली हैं। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि इस बदलाव का असर किन पर होगा।
New GST Rates on Bikes
350cc से कम इंजन वाली बाइक होंगी सस्ती
पहले जहां 350cc से कम इंजन वाली बाइक और स्कूटर पर 28% GST लगता था, अब नई दर के तहत इन पर सिर्फ 18% GST देना होगा। इसका मतलब है कि हीरो स्प्लेंडर, होंडा शाइन, टीवीएस अपाचे, बजाज पलसर और रॉयल एनफील्ड हंटर, बुलेट, क्लासिक 350 जैसी बाइक्स खरीदने वालों को 10,000 से 12,000 रुपये तक की सीधी बचत हो सकती है। यह बदलाव रोज़मर्रा के इस्तेमाल में आने वाली बाइक्स और स्कूटर के खरीदारों के लिए राहत लेकर आया है।
स्कूटर और तीन-पहिया वाहनों पर भी राहत
नए नियमों से होंडा एक्टिवा 125, टीवीएस जुपिटर जैसे स्कूटर भी सस्ते हो जाएंगे। ये स्कूटर आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। साथ ही, डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स में इस्तेमाल होने वाले तीन-पहिया वाहनों पर भी टैक्स कम हो गया है, जिससे छोटे व्यवसायियों और कमर्शियल यूजर्स को फायदा होगा।
350cc से ज्यादा वाली महंगी बाइक महंगी
New GST Rates on bikes का असर प्रीमियम सेगमेंट पर उलटा हुआ है। पहले जहां 350cc से ऊपर वाली बाइक्स पर 31% GST लगता था, अब इन पर 40% टैक्स देना होगा। इसका असर रॉयल एनफील्ड हिमालयन 450, केटीएम ड्यूक 390, ट्रायम्फ स्पीड 400 और रॉयल एनफील्ड इंटरसेप्टर 650 जैसी बाइक्स पर पड़ेगा। इनकी कीमत अब बढ़ जाएगी और कई खरीदारों के लिए ये बाइक्स बजट से बाहर हो सकती हैं।
इलेक्ट्रिक बाइक पर कोई बदलाव नहीं
इलेक्ट्रिक सेगमेंट को सबसे ज्यादा फायदा मिल रहा है। ओला इलेक्ट्रिक, एथर, टीवीएस आईक्यूब और बजाज चेतक इलेक्ट्रिक जैसी गाड़ियों पर अब भी सिर्फ 5% GST लगेगा। यानी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर न केवल सस्ती कीमत में उपलब्ध हैं, बल्कि मेंटेनेंस और ईंधन की लागत भी कम है। पर्यावरण के लिहाज से भी ये एक बेहतर विकल्प हैं।
निचोड़
कुल मिलाकर, New GST Rates on bikes ने आम लोगों के लिए राहत और प्रीमियम बाइक प्रेमियों के लिए थोड़ी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। अगर आप रोजमर्रा की बाइक या स्कूटर खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह सही समय है। वहीं, हाई-CC बाइक चाहने वालों को अब थोड़ी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी।
यह बदलाव साफ करता है कि सरकार का फोकस आम उपभोक्ताओं और पर्यावरण-हितैषी वाहनों को बढ़ावा देने पर है।